उत्तराखंड के चमोली जिले में बाढ़ आने की विशेषज्ञों ने बताई ये वजह (Uttarakhand glacial outburst flood 2021)

  उत्तराखंड के चमोली जिले में बाढ़ आने की विशेषज्ञों ने बताई ये वजह (Uttarakhand glacial outburst flood 2021)



1.01 करोड़ की जनसँख्या वाले राज्य उत्तराखंड के चमोली जिले को बीते रविवार को भयावह आपदा का सामना करना पड़ा, 2019 में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार बीते कुछ सालों में हिमालय क्षेत्र में ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लेशियर कमज़ोर हुए हैं और चमोली जिले में रविवार को आयी बाढ़ का कारण ग्लोबल वार्मिंग से नंदादेवी ग्लेशियर का टूटना बताया जा रहा है, हालाँकि ग्लेशियर विशेषज्ञों में बाढ़ आने के मुख्य कारण को लेकर मतभेद बने हुए है । कुछ वैज्ञानिक इस आपदा का कारण glacial burst बता रहे हैं जबकि कुछ ने बाढ़ का कारण Avalanches व cloud burst बताया है।



ग्लेशियर- बर्फ का वह बड़ा भाग जो धीरे- धीरे भू- भाग पर पिघलता रहता है, 

  • ग्लेशियर को हिमनद भी कहा जाता है ।
  • हिमनद/ग्लेशियर का निर्माण बर्फ जमने के कारण हित है।



धौलीगंगा, ऋषिगंगा व अलकनंदा नदी :- 

  • धौलीगंगा का उद्गम वसुधारा ताल से होता है जो एक हिमनद झील है,
  •  धौलीगंगा नंदादेवी राष्ट्रीय उद्यान से होकर  बहटी है।
  •  ऋषिगंगा रैणी गावँ में धौली गंगा में मिलती है। 
  • धौली गंगा तपोवन से बहते हुए विष्णुप्रयाग(जोशीमठ) में अलकनंदा नदी में मिल जाती है ।
  • अलकनंदा नदी का उद्गम सतोपंथ ताल से होता है।
  • रुद्रप्रयाग में अलकनंदा में मन्दाकिनी मिलती है। 
  • देवप्रयाग में अलकनंदा व भागीरथी का संगम है जहां से आगे ये नदी गंगा के नाम से जनि जाती है ।

नंदादेवी ग्लेशियर टूटने ऋषिगंगा, धौलीगंगा , और अलकनंदा नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ गया जिससे लोगों को सँभलने का भी समय नही मिला और कई लोग बाढ़ में बह गए , रैणी गावँ, जोशीमठ तथा इस क्षेत्र में चल रहे कंस्ट्रक्शन वर्क( तपोवन विष्णुग़ाड जल विद्युत परियोजना व ऋषिगंगा जल परियोजना)  को भी आपदा से  काफी नुकसान पहुंचा है, कई लोग लापता हो गए जबकि कुछ लोगों को Rescue operation के जरिये बचा लिया गया गया है, नदियों के जलस्तर बढ़ने से देश के प्रधानमंत्री के ट्वीट I'm monetering the situation का रिप्लाई देते हुए फ्रांस के पीएम Emmanuel macron ने कहा आपदा की इस घड़ी में हम भारत के साथ हैं।

Wadia Institute of Himalayan Geology Dehradun द्वारा विशेषज्ञों की दो टीमो को आपदा के मुख्य कारणों का पता करने के लिए नंदादेवी ग्लेशियर क्षेत्र में भेज दिया गया है ।

Glacial lake Outburst Flood (GLOF)-

  रविवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में आयी बाढ़ का प्रमुख कारण GLOF बताया जा रहा है, GLECIAL LAKE का निर्माण ग्लेशियर पिघलने से होता है ,और जब इस झील में पानी का स्तर बढ़ जाता है तो पानी आगे की और फाॅर्स लगता है जिससे कई बार झील टूट जाती है और नदियों का जलस्तर बढ़ने और बाढ़ आ जाती है ,दुनियाभर में अनेक देशों अलास्का (USA), ICELAND, व EUROPE में Glacial lake outburst flood देखने को मिलता है । 

कुछ वैज्ञानिकों ने GLOF को स्पष्ठ रूप से बाढ़ आने का कारण नहीं माना है

प्रो. एच. सी. नैनवाल का कहना है कि नंदादेवी क्षेत्र में ऐसा कोई बड़ा ग्लेशियर नहीं है जिसके टूटने से इतनी बड़ी आपदा आ सकती है।

Pro. Argha Banerjee  ने कहा कि हमने satelite images के जरिये पता किया है कि  इस क्षेत्र में कोई बड़ी glacial lake नहीं है , जिससे इतना भयंकर gleciag outburst ही सकता है, हालाँकि उनका मानना है कि हो सकता है कोई lake सेटेलाइट इमेज में न दिखी हो ।

2019 में जारी की गयी General science advance की रिपोर्ट- 

general science advance द्वारा 2019 में एक रिपोर्ट जारी की गयी , जिसमें कहा गया कि हिमालयन ग्लेशियरों के अध्ययन से पता चला है कि पिचके 40 सालों में भारत, नेपाल, चीन, भूटान के ग्लेशियर पिघलने में तेज़ी आयी है, जिसका कारन ग्लोबल वार्मिंग बताया गया था । लेकिन उस समय इस रिपोर्ट पर किसी के द्वारा  ध्यान नही दिया  गया और हो सकता है कि यही कारण हो जो क्लाइमेट चेंज का इतना बड़ा impact पहली बार देखने को मिला है। 

कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी - 

चमोली में आयी इस बाढ का एक कारण पहाड़ी क्षेत्रों में निर्माण कार्य में तेजी आना भी बताया जा रहा है , लेकिन अभी के लिए हम construction work को इस डिजास्टर का कारण नही मान सकते , हालाँकि क्लाइमेट चेंज पर इसका इम्पैक्ट भविष्य में दिख सकता है।

अतः इस बात की पुष्टि विशेषज्ञों के अध्ययन के बाद ही की जा सकती है कि बाढ़ आने का मुख्य कारण क्या था ।

अब सवाल ये उठता है कि इस प्रकार की आपदाओं से कैसे बचा जा सकता है ? 

  1. इस प्रकार की आपदाओं को कम करने के लिए कुछ उपाय किये जा सकते है जैसे -
  2. पेरिस क्लाइमेट चेंज एग्रीमेंट का सहयोग सभी देशों को करना चाहिए और इसके बारे में दुनियाभर में जागरूकता फैलाई जानी चाहिए ।

उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश व लदाख जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में जितने भी Dam व Reservoir बने हुए हैं या निर्माणाधीन हैं तो उनको मजबूत बनाये जाने पर सरकार को ध्यान देना चाहिए जिससे water reservoir उस तरह की बाढ़ को झेल सके ।

चमोली जिले में स्थित  ग्लेशियर: - 

नंदादेवी, द्रोणागिरी, हिपरावमन, बद्रीनाथ, सतोपंथ, आदि चमोली में स्थित बड़े ग्लेशियर है ।


आपदा में आर्मी , इतबप, व नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फ़ोर्स की भूमिका - उत्तराखंड में आयी इस आपदा में भारतीय आर्मी, ITBP, व नेशनल डिजास्टर रेस्पांस फ़ोर्स द्वारा चलाये गये रेस्क्यू ऑपरेशन में सराहनीय कार्य किया गया है । अब हमारा भी ये कर्त्तव्य बनता है कि हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को क्लाइमेट चेंज के बारे में जागरूक बनाये और इस आपदा में प्रभावित हुए लोगों के लिए प्रार्थना करें ।

Most expected question from uttarakhand related to current news;-

  • उत्तराखंड की राजधानी - ग्रीष्मकालीन - गैरसैण, शीतकालीन- देहरादून।
  • मुख्यमंत्री- त्रिवेंद्रसिंह रावत ।
  • राज्यपाल - बेबिरानी मौर्य 
  •  हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र( snow leopard conservation centre) - उत्तरकाशी, उत्तराखंड।
  • भारत का पहला लाइकेन पार्क - उत्तराखंड मे । 
  • भारत का पहला परागकण (pollinator ) पार्क - उत्तराखंड में
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना में सबसे अच्छा परफॉरमेंस देने वाला राज्य - उत्तराखंड ( यह योजना 22 जनवरी 2015 पानीपत, हरियाणा से लागू हूं थी)
  • उत्तराखंड की पहली रामसर साइट - आसन वेटलैंड( 2020 में जोड़ा गया)
  • नंदादेवी पर्वत की ऊंचाई- 7817 मीटर ।( Second highest peak of India}
  • उत्तराखंड की जगह जो नेपाल ने अपने नक़्शे में दिखाई- काली नदी, लिम्पिधोरा, लिपुलेख (पिथौरागढ़)
  • सबसे बड़ी तितली (butterfly) - Golden bird wing butterfly ( uttarakhand)
  • संस्कृत ग्राम विकसित करने की घोषणा - उत्तराखंड ।
  • डोबरा चांटी ब्रिज - उत्तराखंड ( स्थापना दिवस 9 नवम्बर 2020 को उद्धघाटन)  ।


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